पिनियल ग्लैड: सेक्स से भी बड़ा आनंद | pineal gland
पिनियल ग्लैड: सेक्स से भी बड़ा आनंद
आप जितना किसी चीज के बारे में ना सोचने की कोशिश करते हैं उतना ही आप उसके बारे में सोचने लगेगे| मन कि प्रकृति ही ऐसी है| तो कई वजह है कि कोई व्यक्ति सेक्स में लिप्त में होता है, कुछ के लिए वो सिर्फ सुख है, कुछ के लिए यह बंधन और सहचर्य को मजबूत करने का एक तरीका है, वरना लोग महसूस करते हैं कि एक दूसरे से दूर हो रहे हो| वो भले ही ठीक हो मगर बहुत से लोगों के दिमाग मे ये बसा होता है कि अगर वह सेक्सयूली सक्रिय नहीं है तो वह वास्तव में दूर हो रहे हैं| यह सच नहीं आप किसी से बहुत करीब हो सकते हैं और जरूरी नहीं है कि शारीरिक रूप से जुड़े हुए हो| मगर दिमाग में होता है, खासकर दुनिया के इस हिस्से में लोग बड़े पैमाने पर मानते हैं कि अगर सेक्सयूलिटी नहीं है तो वास्तव में आपका रिश्ता नहीं है| वास्तव में रिश्ता शब्द, मुझे ये समझने में थोड़ा समय लगा कि यहां अगर आप एक रिश्ता कहते हैं तो आपसे यह समझने की उम्मीद की जाती है कि ये एक सेक्स आधारित रिश्ता है बाकी कुछ रिश्ता नहीं है|
अगर मेरा आपके साथ बहुत मजबूत रिश्ता हो सकता है और आपके शरीर से मेरा कोई संबंध नहीं हो सकता, मैं किसी भी तरह आपके शरीर के प्रति आकर्षित ना होते हुए भी आपके साथ बहुत मजबूत रिश्ता रख सकता हूं| मगर उन सभी संभावनाओं को पूरी तरह नकार दिया गया है| एक रिश्ते का मतलब है कि आपको किसी रूप में शारीरिक तौर पर शामिल होना है| पुरूष-स्त्री या पुरुष-पुरूष या स्त्री-स्त्री जो भी आप चाहे मुख्य रूप से यह शरीर पर आधारित है| किस तरह का शरीर यह व्यक्तिगत पसन्द है| मगर मुख्य रूप से यह शारीरिक आधार है| ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कही न कहीं शरीर के साथ हमारी पहचान, पहचान के सामान्य स्तरों के परे चली गईं हैं| यह शरीर के साथ अत्यधिक पहचान है इसलिए शरीर आधारित रिश्ते समाज के मूल बिंदु बन गए| जो अपने भौतिक शरीर से बहुत जुड़ा है वह स्वाभाविक रूप से सेक्स से प्रेरित है क्योंकि यही सर्वोच्च चीज है जो वह जानता है|
Pineal Gland
ऐसे तरीके है जिनसे आप कुछ ऐसा पा सकते है जो इससे कही अधिक बड़ा है| एक बार आप इससे बेहतर कुछ चख ले फिर मुझे आपको बताना नहीं पड़ेगा इसे छोड़ दो या उसे छोड़ दो वो वैसे ही खत्म हो जाएगा| है ना? कुछ साधना की तरीके हैं जो सेक्सुअलिटी से अधिक तीव्र है, जो सेक्शुअलिटी से अधिक आनंदमय है| एक स्तर पर यदि आप इसे देखें, योग के सभी आयाम किसी ना किसी तरह आखिरकार पीनियल को सक्रिय करने की कोशिश करते हैं, क्योंकि एक बार जब वो रिसने लगता है तो आपकी हर चीज मधुर और सुंदर हो जाती है| वो एक पूरा भीतरी सुख पैदा करता है जिससे सभी बाहरी सुख बच्चों की चीज की तरह लगने लगते हैं| यही वजह है कि योगी सिर्फ आंखें बंद करके बैठते हैं इसलिए नहीं कि वह सुख के खिलाफ है, वो छोटे सुखों के खिलाफ हैं |बस यही है|
तो शाम्भवी(Yoga) होती है ये पिनियल स्त्राव को बहुत हद तक उत्तेजित करती हैं| जिससे आप दिनभर एक तरह की मिठास में भीगे रहते हैं| यह आपको परमानंद और आनंद की एक स्थिति में छोड़ देती, क्योंकि पिनियल ग्लैड सक्रिय होता है| यह आपके शरीर विज्ञान का एक पहलू है जो आपकी चेतना के काफी करीब है| बाकी शरीर विज्ञान गुजर बसर के बारे में है| मगर पिनियल ग्लैड आपके शरीर विज्ञान का एक पहलू है, जो भौतिक से परे जाने के बहुत बहुत करीब है| योगिक परंपरा में इस मिठास को 'अमृत' या 'सुधा' या 'जीवनअमृत' कहा जाता है| अगर उसकी एक बूंद शरीर में आ जाए तो अचानक पूरा शरीर शीतल हो जाता है पूरे सिस्टम में चिकनाई आ जाती है| वो आसानी से काम करता है| शरीर की हताशा चली जाती है मन की हताशा चली जाती है| अमृत का अर्थ है कि आपने अपना सुख पा लिया है| अगर आप अपने अंदर बहुत आनंदित है तो आपने अंदर अमृत पा लिया है| आप सुखदता की चरम अवस्था में है| अब लोगों के साथ होना उनसे सूख निचोड़ने के लिए नहीं लोगों के साथ होना बस बस उनके साथ होना है| अब आप वास्तव में प्रेम करने लायक है, वरना वह सिर्फ एक खुल जा सिम सिम वाली चाल है| मैं तुमसे प्रेम करता हूं का मतलब है कि चाहे आप पर विश्वास हो या नहीं उस पल के लिए वह आप पर विश्वास करते हैं क्योंकि उन्हें भी किसी चीज की जरूरत है आपको भी किसी चीज की जरूरत है| यह जैसे आप जानते हैं अली बाबा और 40 चोर खुल जा सिम सिम मतलब वो खुल जाता है| ये ऐसा ही है मैं तुमसे प्रेम करता हूं मतलब कई चीजें खुल जाती है| अब ऐसा करते हुए मैं यह नही कहता कि यह सही या गलत है| लोग अपना जीवन ऐसे ही चलाते हैं| इसमें कुछ नहीं है मगर ऐसा करते हुए आपके अंदर प्रेम की एक तीव्र भावना को जानने की संभावना नष्ट हो जाती है| आप लगातार यह देखते हैं कि मैं इस व्यक्ति से क्या पा सकता हूं, मैं उस व्यक्ति से क्या निकाल सकता हूं| यह एक ठग का काम है| इसे प्रेम सम्बन्ध कहा जाता है| लेकिन अगर आप अपने आप में बहुत आनंदित होते हैं, जब आप लोगों के साथ होते हैं तो यह आपका आनंद साझा करने की बात होती है इसका मकसद है कि अगर वह इससे अछूते हैं तो किसी तरह उन्हें इससे छुएं बजाय यह देखने के कि आप उनसे क्या निचोड़ सकते हैं| आपके जीवन की सारी बुनियाद बदल जाएगी|
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